मुलायम सिंह यादव की बहू क्या करने बीजेपी ऑफिस गई थी आइए जानते हैं?
लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत में कई ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिनके बाद कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं। ऐसी ही तस्वीर बीजेपी नेता और मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने शेयर की हैं। बुधवार को बीजेपी नेता अपर्णा यादव दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पहुंची थी, जहां उन्होंने बीजेपी महासचिव सुनील बंसल से मुलाकात की। इस मीटिंग की तस्वीरें अपर्णा यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की हैं, जिसमें वो सुनील बंसल के साथ दिखाई दे रही हैं। अपर्णा यादव ने बीजेपी महासचिव से हुई इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है। उन्होंने तस्वीरों के साथ लिखा, “आदरणीय सुनील बंसल जी से शिष्टाचार भेंट की।” मुलाकात के दौरान अपर्णा यादव काफी खुश दिखाई दे रही हैं। ये तस्वीरें ऐसे समय में आई हैं जब लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाई हुई है। ऐसे में उनके बारे में कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बगावत करके बीजेपी में शामिल हो गईं थी। तभी से उन्हें पार्टी में कोई पद मिलने के कयास लगने शुरू हो गए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अपर्णा यादव को बीजेपी में शामिल हुए दो साल हो गए हैं, लेकिन अब तक वो बीजेपी में एक सामान्य कार्यकर्ता बनकर ही काम कर रही हैं। कई बार उन्हें चुनाव लड़ाने की चर्चाएं तो हुईं, लेकिन पार्टी ने उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी और न ही चुनाव लड़ने का मौका दिया है।
अपर्णा यादव अक्सर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और पार्टी की नीतियों को लेकर अपनी बात रखती हैं। अपर्णा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो पार्टी के लिए किसी भी तरह की भूमिका में काम करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, “मैं पार्टी के लिए किसी भी तरह की भूमिका में काम करने को तैयार हूँ, चाहे वो कोई भी भूमिका हो। मैं अपने आप को एक समर्पित कार्यकर्ता मानती हूँ और पार्टी के लिए किसी भी पद पर काम करने को तैयार हूँ।” अपर्णा यादव के इस बयान से साफ होता है कि वो पार्टी के लिए किसी भी तरह की भूमिका में काम करने को तैयार हैं।
अपर्णा यादव की इस मुलाकात के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि शायद इस बार उन्हें पार्टी की ओर से कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।