दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की टीम गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची।
दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की टीम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर गुरुवार (21 मार्च, 2024) को 10वां समन देने पहुंची। केंद्रीय जांच एजेंसी मामले में पूछताछ को लेकर केजरीवाल को अब तक नौ समन भेज चुकी है, लेकिन एक बार भी वे पेश नहीं हुए हैं। नौवें समन में आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को ही पेश होना था। इसको लेकर केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें यहां से राहत नहीं मिली। हाई कोर्ट ने केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किसी भी कार्रवाई से कोई संरक्षण देने से मना कर दिया।
जस्टिस सुरेश कुमार और जस्टिस मनोज जैन की बेंच ने केजरीवाल के आवेदन को 22 अप्रैल को विचार के लिए सूचीबद्ध किया है। समन को चुनौती देने वाली मुख्य याचिका पर भी 22 अप्रैल को सुनवाई होगी। दरअसल, अरविंद केजरीवाल समन को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए ईडी के समक्ष एक बार भी पेश नहीं हुए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में केजरीवाल के वकील ने समन को वापस लेने का अनुरोध किया। वहीं ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी. राजू ने कहा, ‘‘पेश होने का समय समाप्त हो गया है। वह उपस्थित नहीं हो रहे हैं।’’ हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि अगर सबूत है तो उनको (केजरीवाल) को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा। वहीं ईडी ने कोर्ट को वह सबूत सील्ड कवर में दिखाए थे जिसके आधार पर केजरीवाल से पूछताछ के लिए समन जारी हो रहे हैं। ईडी ने दावा किया है कि आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में ही पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और AAP नेता संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। हालांकि शराब नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था।
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