JCB मशीन का नया अवतार: शादी में जेसीबी ने बदला पुराना रिवाज, कथा-मटकोर को दिया नया रंग!
आजकल लोग अपनी शादियों को यादगार बनाना चाह रहे हैं। इसके लिए अजीब-अजीब ढंग से रस्म निभाते हैं। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में होने वाली एक शादी अभी खूब चर्चा में है। इसमें जेसीबी मशीन ने बुआ बन एक रस्म को अदा किया। इस शादी से पहले कथा मटकोर में मिट्टी कोड़ने का रिवाज बुआ ने नहीं, बल्कि JCB मशीन ने पूरा किया। हालांकि वहां दूल्हे के साथ दर्जनों महिलाएं मौजूद थीं। लेकिन मिट्टी कोड़ने के इस रिवाज को एक मशीन द्वारा पूरा किया गया। JCB मशीन ने पूरी की कथा मटकोर की रस्म। दरअसल ये मामला जिले के मझौलिया थाना क्षेत्र के गुरचुरवा स्थित वार्ड नं-9 का है, जहां एक परिवार ने बेटे की कथा-मटकोर की रस्म बुआ एवं बहन से न करवाकर JCB मशीन से कराया। सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे इस वीडियो में भी आप देख सकते हैं कि जेसीबी द्वारा गड्ढा खोदकर दूल्हे की रस्म कराई जा रही है, जहां आसपास महिलाओं की भीड़ भी लगी है। मिली जानकारी के अनुसार, कथा मटकोर की यह रस्म गुरचुरवा गांव के स्थानीय निवासी महावीर प्रसाद कुशवाहा के बेटे आलोक कुमार की थी, जिसकी शादी 21 अप्रैल को पूरी हुई है।
दूल्हे के पिता महावीर प्रसाद कुशवाहा ने भारत टाइम्स 99 को बताया कि उन्हें तीन बेटे और दो बेटियां हैं। आलोक उनका दूसरा बेटा है, जो दिल्ली में रहकर कारपेंटर का काम करता है। महावीर ने अपनी पहली बेटी की शादी कर दी है, जिसके बाद अब बारी आलोक के शादी की थी। अच्छी बात यह है कि महावीर कुशवाहा ने बेटे आलोक की शादी में एक रुपए भी दहेज के रूप में नहीं लिया। आलोक के साथ महावीर की भी यह मंशा थी कि इस शादी को यादगार बनाई जाए। इसी के अनुसार उन्होंने कथा मटकोर की यह रस्म भी बुआ से न कराकर जेसीबी से पूरी की। ग्रामीणों का कहना है कि हिन्दू रीति-रिवाज में शादी के एक दिन पहले कथा मटकोर की रस्म अदा की जाती है। मटकोर के दिन बहन और बुआ माटी कुदाल से खोदकर इस रस्म को पूरा करती हैं। लेकिन यहां ऐसा हुआ, जिसे देखकर पूरे गांव के लोग आश्चर्यचकित हैं।