मैनपुरी में मतदान में गर्मी के बीच उत्साह और उत्साह: दो चुनावों का रिकॉर्ड तोड़ा

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लोकतंत्र की जमीन पर बरसे वोट तोड़ दिया पिछले दो चुनावों का रिकार्ड। मंगलवार को सुबह सात बजे मतदान की शुरुआत में बूथों पर भीड़ नजर आई। कुछ जगहों पर मतदाता कतारों में लगे दिखाई दिए। शाम तक मतदाता अपना कर्तव्य निभाने को आते रहे। चुनाव के दौरान हिंसा की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई।लोकतंत्र के महायज्ञ में मंगलवार को मतदान दिवस पर मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं ने वाेटों की खूब आहूतियां दीं। मंगलवार को हुए मतदान ने बीते दो चुनावों का रिकार्ड को तोड़ दिया।

मैनुपरी में 58.60 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि 2022 के उपचुनाव में 54.75 फीसद वोट पड़े थे। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में 56.67 फीसद मतदान हुआ था। जबर्दस्त गर्मी के बीच सुबह से मतदाताओं में उत्साह नजर आया। हालांकि लंबी-लंबी कतारों की स्थिति ज्यादातर जगह नजर नहीं आई। दोपहर में धूप तेज होने के बाद भी मतदाता लगातार बूथों पर पहुंचते रहे। इस दौरान विवाद और शिकायतों का क्रम भी चलता रहा।
बेवर के तेजगंज में फर्जी वोटिंग के विवाद में भाजपा प्रत्याशी पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के पुत्र पर पथराव हुआ, जिसमें उनके दो समर्थक घायल हो गए। वहीं पैक्सपेड के चेयरमैन प्रेम सिंह शाक्य पर जानलेवा हमला हुआ। मैनपुरी लोकसभा सीट पर इस बार आठ प्रत्याशी मैदान में थे। मंगलवार सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान को लेकर मतदाताओं में गजब का उत्साह नजर आया। शाम छह बजे तक चले मतदान के सिलसिले के बाद ईवीएम में फैसला सुरक्षित हो गया है।
इस सीट पर सपा से सांसद डिंपल यादव प्रत्याशी हैं। वह वर्ष 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सांसद बनी थीं।

भाजपा ने स्थानीय विधायक पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। जबकि बसपा से पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को मैदान में उतारा है। इनके अलावा पांच अन्य प्रत्याशी भी चुनाव में थे। चुनाव में सपा, भाजपा और बसपा, तीनों दलों द्वारा प्रचार के लिए जमकर ताकत झोंकी गई थी। बड़े नेताओं के दौरे और सभाओं का भी क्रम चला था।मतदान खत्म हाेने के बाद राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों ने अपने हिसाब से जीत-हार का गुणाभाग शुरू कर दिया है। अपने समर्थक बहुल इलाकों में हुए मतदान, जातीय समीकरणों आदि के आधार पर खुद की जीत के दावे भी शुरू कर दिए गए हैं। मतदाताओं के रुख से सपा और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले की तस्वीर नजर आ रही है। बीते उपचुनाव में डिंपल यादव 2.88 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीती थीं, परंतु इस बार नजदीकी मुकाबला होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

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