फर्जी खबर : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि को लेकर वायरल हुई भ्रांतिपूर्ण दावेदारी
सोशल मीडिया पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रहा है. इसमें कहा जा रहा है कि अंजलि को उनके पिता के रसूख के चलते UPSC की परीक्षा दिए बिना ही आईएएस बना दिया गया है. जबकि हकीकत कुछ और ही है.
सोशल मीडिया पर इन दिनों लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रहा है. ओम बिरला और उनकी बेटी अंजलि की तस्वीर के साथ शेयर किए जा रहे इस पोस्ट में कहा जा रहा है कि अंजलि को उनके पिता के रसूख के चलते UPSC की परीक्षा दिए बिना ही आईएएस बना दिया गया है.
इसे शेयर करने वाले लोगों का कहना है कि UPSC ने 90 सीटें बैकडोर एंट्री के लिए सुरक्षित रखी थीं और इसी के जरिए अंजलि को बिना परीक्षा दिए ही आईएएस जैसी प्रतिष्ठित नौकरी हासिल हो गई.
एक फेसबुक यूजर ने इस पोस्ट को शेयर किया है. इसमें लिखा है, “लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिड़ला की बेटी बिना परीक्षा के अंजली IAS बनी बधाई हो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजली बिरला पहले ही प्रयास में बनीं IAS (वो भी बिना परीक्षा दिए) 90 seat जो बैकडोर इंट्री के लिये रखा गया था रुझान आने लगा है, देश के सबसे विश्वसनीय UPSC EXAM में बैक डोर इंर्टी ने देश के कठिन परिश्रम करने वाले प्रतियोगी छात्रों, गरीबों एवं ग्रामीण लोगों के बच्चों के लिए यूपीएससी का प्रवेश द्वार बंद करने की तैयारी की शुरुआत हो चुकी है अब आप सिर्फ अपने बच्चों को नौकर बनाने के लिए तैयार रहिए, अधिकारी नहीं..”
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि अंजलि के बिना परीक्षा दिए UPSC में सेलेक्शन होने की बात गलत है. उन्होंने साल 2019 में UPSC की परीक्षा दी थी और उनका सेलेक्शन ‘कंसोलिडेटेड रिजर्व लिस्ट’ के जरिए हुआ था जो UPSC के सेलेक्शन प्रोसेस का ही एक हिस्सा है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च के जरिए हमें साल 2021 की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इनके मुताबिक अंजलि बिरला ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC की परीक्षा पास की थी. खबर के मुताबिक, साल 2019 की परीक्षा का नतीजा चार अगस्त, 2020 को घोषित हुआ था. इसमें 829 परीक्षार्थी सफल हुए थे. अंजलि का नाम इस परीक्षा की रिजर्व लिस्ट में था. इस लिस्ट में 89 परीक्षार्थी थे, जिसका ऐलान चार जनवरी, 2021 को किया गया था.
इसमें बताया गया है कि UPSC के नियम 16( 4) और ( 5) के मुताबिक आयोग परीक्षार्थियों की एक रिजर्व लिस्ट भी बनाता है जिसके तहत इस साल 89 उम्मीदवारों को चयनित किया गया. इस लिस्ट में अंजलि बिरला का नाम शामिल है और उनका रोल नंबर 0851876 दर्ज है.
UPSC में चयनित होने के लिए प्रारंभिक और मुख्य, यानी दो परीक्षाओं में पास होना होता है.
हमने साल 2019 की UPSC की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे को चेक किया तो हमें अंजलि का रोल नंबर वहां उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की लिस्ट में मिला
खोजने पर हमें साल 2019 की UPSC की मुख्य परीक्षा का नतीजा भी मिल गया. 14 जनवरी, 2020 को घोषित हुए इस नतीजे में भी अंजलि का रोल नंबर उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की लिस्ट में मौजूद है. अब तक की जांच से इतना साफ है कि अंजलि साल 2019 की UPSC की परीक्षा में शामिल हुई थीं.
दरअसल ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ के अलावा ‘ग्रुप ए’ के अधिकारियों के चयन का जिम्मा ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ यानी UPSC पर होता है. केंद्र सरकार की मांग के मुताबिक ही हर साल होने वाली इस परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों की सिफारिश की जाती है.
इस मसले को लेकर UPSC की ओर से सात जनवरी, 2021 को एक स्प्ष्टीकरण भी जारी किया गया था. इसके मुताबिक कमीशन, चयनित उम्मीदवारों के अलावा एक कंसोलिडेटेड रिजर्व लिस्ट भी बनाता है. इसमें सामान्य और आरक्षित वर्ग, दोनों के उम्मीदवार होते हैं जिनके नाम की सिफारिश की जाती है.
ये दावा दो साल पहले भी वायरल हुआ था और कुछ वेबसाइट्स ने इसका फैक्ट चेक भी किया था. अंजलि ने इस मसले पर ‘The Quint’ से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने साल 2019 की UPSC की परीक्षा दी थी. वो कहती हैं, “UPSC ने पहले 927 रिक्तियां जारी की थीं, लेकिन जब अगस्त, 2020 में फाइनल रिजल्ट आया तब 829 रिक्तियां ही थीं. मैं आठ नंबर से कटऑफ मार्क के पीछे रह गई थी, लेकिन जनवरी, 2021 में जब और अधिक रिक्तियां आईं तो रिजर्व लिस्ट से मेरा सेलेक्शन हो गया.”
दिल्ली के रामजस कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाली अंजलि का सेलक्शन ‘इंडियन रेलवे अकाउंट सर्विस’ के लिए हुआ था.