नोएडा: किसानों का प्रदर्शन, डीएम कार्यालय पर उतरी सड़कें

मांगों को लेकर फिर सड़कों पर उतरेगा नोएडा का किसान : प्रदर्शन के पहले दिन डीएम ऑफिस का घेराव

नोएडा : अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे नोएडा के किसान (Farmers Protest) एक बार फिर आंदोलन करने वाले हैं। 3 जुलाई यानी कि आज भारतीय किसान परिषद जिलाधिकारी कार्यालय (DM Office) का घेराव करने वाले हैं। इसकी जानकारी किसान नेताओं ने प्रेस वार्ता के जरिये दी है। इस प्रदर्शन में हजारों संख्या में किसान जुटने वाले हैं। इसके बाद वह प्राधिकरण का घेराव करेंगे।

लोकसभा चुनाव के बाद प्रदर्शन का पहला दिन

नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर कई महीनों तक किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया था। शासन से मिले आश्वासन और लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह प्रदर्शन खत्म कर दिया गया था, लेकिन अब एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर नोएडा प्राधिकरण की वादाखिलाफी के विरोध में किसान संगठनों ने धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

पहला प्रदर्शन 3 जुलाई यानी कि आज भारतीय किसान परिषद द्वारा किया जाएगा. इसके बाद भारतीय किसान यूनियन भी 8 जुलाई को एक बड़ा धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में है, जिसमें हजारों की संख्या में किसान जुटेंगे।

जिलाधिकारी का करेंगे घेराव

जानकारी के मुताबिक, 3 जुलाई को भारतीय किसान परिषद, किसान सभा और जय जवान जय किसान के संयुक्त मोर्चा ने जिलाधिकारी का घेराव करने का ऐलान किया है। वहीं, 8 जुलाई को भारतीय किसान यूनियन प्राधिकरण का घेराव करेगा। दोनों ही प्रदर्शन में हजारों की संख्या में किसान शामिल होंगे।

विकसित प्लॉट देने की प्रक्रिया को चुनौती

दरअसल, नोएडा को 81 गांवों की जमीनों पर बसाया गया है। 1997 से 2014 के बीच जमीन अधिग्रहीत हुई। इस दौरान 16 गांव के किसानों को मुआवजा और 5 प्रतिशत विकसित प्लॉट दिए गए। बाकी गांव के किसान हाईकोर्ट चले गए। उन्होंने मुआवजा और विकसित प्लॉट देने की प्रक्रिया को चुनौती दी।

कोर्ट गए थे किसान

कोर्ट में नोएडा प्राधिकरण के भू-अर्जन अधिनियम 1984 के प्रावधान के मुताबिक 16 गांव की 19 अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई। इस चुनौती पर हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर 2011 को किसानों को 64.70 प्रतिशत की दर से मुआवजा और 10 प्रतिशत प्लाट आबादी में देने का आदेश दिया। बाद में इस आदेश के विरोध में भी कुछ किसान कोर्ट गए। इसमें ऐसे किसान थे, जिनकी याचिका खारिज कर दी गई या जो कोर्ट नहीं गए थे।

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