चिराग पासवान का तंज, ‘जिस तरह मछली को आप दिखा रहे हैं, उससे किसे फर्क पड़ता है?’
चिराग ने कहा कि पहली बात तो कौन क्या खाता है, नहीं खाता है, इससे किसी को कोई लेना-देना होना नहीं चाहिए। आप भी क्या खाते हैं? नहीं खाते हैं। दुनिया को इससे फर्क नहीं पड़ता, तो इसका तमाशा क्यों बनाना।चिराग ने कहा कि समस्या वहां पर आती है, जब आप इसका दिखावा करने लगते हैं। आप जिस तरीके से मछली को लहरा रहे हैं, आप दिखा रहे हैं। फिर एक के बाद एक जूस की बोतल आप दिखा रहे हैं। ये वॉटरमिलन का जूस है। ये ऑरेंज का जूस है। ये हम सत्तू बनाकर लाए हैं। तो ये फलाना, ये गाना ये लू से बचाएगा। ये गर्मी से बचाएगा।
आप किसको दिखा रहे हैं? चिराग ने कहा, ‘जहां देश में हमारे प्रदेश की एक बड़ी आबादी आज भी दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद कर रही है। आपके साथ जो साथी नेता बैठे हैं, वो बोल रहे। कई लोगों को मिर्ची लगेगी। मतलब आप उसी सोच से आप करना चाह रहे हैं।’चिराग ने कहा, ‘आपकी इंटेंशन ही है कि आप एक बड़े वर्ग की एक बड़ी आबादी की आस्था को कहीं ना कहीं ठेस पहुंचाने का काम करें। नवरात्रि का पहला दिन हकीकत है। मैं भी उस दिन पूजा करके हटा था और जो मैंने देखा कि उन्होंने हेलिकॉप्टर में मछली लहराई।’उन्होंने कहा कि क्या मतलब है? अगर एक दिन पहले का अगर वो वीडियो था तो आपकी सोशल मीडिया की टीम इतनी एक्टिव होगी ना कि उसको उसी दिन पोस्ट कर सकती थी। नवरात्रि के पहले ही दिन क्यों पोस्ट करना?