श्री शृंगार गौरी की पूजन यात्रा में श्रद्धालुओं की धूमधाम से भरी श्रद्धा
चैत्र नवरात्र की चतुर्थी पर पूरा ज्ञानवापी परिसर माँ शृंगार गौरी के जयकारों से गुलजार रहा। चतुर्थी गौरी के रूप में विराजमान माँ शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए देर रात तक माँ के भक्तों की कतार लगी रही। शहर के हिंदूवादी संगठनों के साथ ही काफी संख्या में श्रद्धालु माँ के दर्शन-पूजन करने और आशीर्वाद लेने पहुंचे। ढोल-नगाड़ों की धुन पर कहीं कलश यात्रा निकली तो कहीं शोभायात्रा के जरिए श्रद्धालु माँ के दर्शन के लिए पहुंचते रहे।
शुक्रवार की सुबह साढ़े आठ बजे गोरखनाथ मठ मेंदागिन से माँ शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए यात्रा आरंभ हुई। ज्ञानवापी की चार वादिनी महिलाओं के नेतृत्व में निकली यात्रा में श्रद्धालु माँ के जयकारों और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ ढोल-नगाड़ों की धुन पर झूमते-गाते चल रहे थे। हाथों में केसरिया ध्वज लिए श्रद्धालु विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर पहुंचे। सोहनलाल आर्य ने कहा कि हम माँ शृंगार गौरी जी से प्रार्थना करते हैं कि हम सभी को इतनी शक्ति प्रदान करें कि हम उनके दर्शन रोज़ कर सकें। माँ शृंगार गौरी को चुनरी और माला चढ़ाकर दर्शन-पूजन पूरा हुआ।
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने चैत्र नवरात्र की चतुर्थी पर 38 सालों की परंपरा का निर्वहन किया। महापरिषद के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ल के नेतृत्व में कार्यकर्ता सत्यनारायण मंदिर पर एकत्र हुए। हाथों में माला-फूल और प्रसाद लेकर कार्यकर्ताओं ने गेट नंबर चार से प्रवेश किया। ज्ञानवापी परिसर में माँ शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के बाद व्यास जी का तहखाना, बाबा श्री काशी विश्वनाथ, माता अन्नपूर्णा, ढुंढिराज गणेश का सामूहिक पूजन हुआ। कार्यकर्ताओं ने माँ शृंगार गौरी के सामने ज्ञानवापी मुक्ति का शपथ व संकल्प लिया और हनुमान जी के सामने खड़े होकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के धर्म जागरण प्रमुख अभय कुमार, अनिल रावल शास्त्री, डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र, पतंजलि पांडेय, राजा आनंद ज्योति सिंह और अभिषेक निगम थे।
चित्रा सिनेमा से श्री काशी विश्वनाथ धाम तक भक्तों का जत्था माँ शृंगार गौरी के दर्शन के लिए निकला। गुलशन कपूर के नेतृत्व में श्रद्धालु ज्ञानवापी परिसर पहुंचे। सबसे पहले माता को ज्ञानवापी कूप के जल से स्नान कराया गया। इसके बाद फूलों से शृंगार हुआ। माता को सिन्दूर अर्पण करके मिष्ठान का भोग लगाकर आरती उतारी गई। इस दौरान पं. विजय शंकर पांडेय, अश्विन पांडेय, राजू पाठक, संदीप चतुर्वेदी आदि शामिल रहे। गुलशन कपूर ने बताया कि गेट नंबर चार का मुख्य द्वार बंद था। इसके साथ ही माँ शृंगार गौरी के पास फर्श पर कोई मैट नहीं बिछाई गई थी। इस कारण नंगे पाँव आने वाले श्रद्धालुओं के पाँव जल रहे थे। शिकायत मंदिर प्रशासन से भी दर्ज कराई गई है।