चुनावी जंग: ईवीएम के बगावती प्लान से चुनाव आयोग भी हैरान!
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के ईवीएम की खिलाफत के नए प्लान से भले ही चुनावी प्रक्रिया से जुड़े लोग विचलित हैं जिसमें खुद चुनाव आयोग भी शामिल है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि आयोग इसे लेकर हाथ पर हाथ धरे बैठा है। आयोग ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए लंबे समय से काम भी कर रहा है। आयोग ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए लंबे समय से काम भी कर रहा है। यह बात अलग है कि आयोग ने अभी इसे लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो ऐसी स्थिति में आयोग अधिकतम संख्या की दो ईवीएम यूनिटों का भी इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें 24-24 बैलेट यूनिट के दो सेट लगेंगे। ऐसे में नोटा सहित 767 प्रत्याशियों के मैदान में उतरने पर भी ईवीएम के जरिए आसानी से चुनाव कराए जा सकते हैं।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिक से अधिक संख्या में लोगों से नामांकन करने का सुझाव दिया था, ताकि आयोग के लिए परेशानी खड़ी हो जाए। अगर 384 से अधिक संख्या में उम्मीदवार हों तो एक 24 ईवीएम के एक यूनिट से मतदान करना संभव नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं है कि आयोग के पास इसका तोड़ न हो। मौजूदा समय में एम-3 श्रेणी की ईवीएम का इस्तेमाल होगा, जिसमें एक बैलेट यूनिट में नोटा के साथ 16 प्रत्याशी शामिल हो सकते हैं। वहीं, जैसे-जैसे प्रत्याशियों की संख्या बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे बैलेट यूनिट की संख्या भी बढ़ा दी जाती है। हालांकि, इसका भी एक मानक है, जिसमें एक कंट्रोल यूनिट (सीयू) के साथ ही मौजूदा समय में अधिकतम 24 बैलेट यूनिट ही जोड़ी जा सकती है, जिसमें नोटा सहित अधिकतम 384 प्रत्याशी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल चुनाव में जब से ईवीएम का इस्तेमाल शुरू हुआ है, उसके बाद से अब तक कभी भी ऐसी नौबत नहीं आयी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना की निजामाबाद सीट से सबसे अधिक 185 प्रत्याशी ही मैदान में थे, जो ईवीएम की अधिकतम एक यूनिट के तय मानक से काफी कम थी। ऐसे में आयोग को यहां चुनाव कराने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हुई। आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो यदि एक लोकसभा सीट से 384 से अधिक प्रत्याशी नामांकन करते हैं तो यह भी एक हास्यास्पद स्थिति होगी।
इतना ही नहीं, एक सीट से एक साथ 370 से अधिक प्रत्याशी यदि खड़े किए जाएंगे, तो प्रत्येक नामांकन के लिए 25 हजार की जमानत राशि और दस प्रस्तावों की जरूरत होगी। यह राशि करीब एक करोड़ होगी। साथ ही करीब चार हजार प्रस्तावों की भी जरूरत होगी। जो किसी भी पार्टी के आसान नहीं होगा, क्योंकि सभी की जमानत जब्त होनी तय है। इस बीच भूपेश बघेल की ईवीएम को लेकर और प्रत्येक सीट से 385 से अधिक प्रत्याशियों के प्लान की खबर लगने के बाद आयोग ने पूरे मामले की जानकारी भी तलब की है। वहीं, भाजपा ने उनके इस प्लान को मुद्दा बनाते हुए आयोग से ईवीएम के दुष्प्रचार को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई है।