गोरखपुर में स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाने से उम्मीदें बढ़ी, बिजली निगम की समस्याओं का समाधान होगा
स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर न सिर्फ बिजली का बिल वसूलेगा वरन पुराना बकाया भी जमा करता रहेगा। मीटर में रुपये रिचार्ज करते ही पहले बकाया कटेगा और फिर बिजली जलाने के लिए रुपये दर्ज होंगे। बकाया किश्तों में लिया जाएगा। इसे तीन सौ दिन में जमा कराने के लिए तीन सौ हिस्सों में बांटा जाएगास्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगने के बाद निगम की 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो जाने की उम्मीद है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में जून महीने से स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की शुरुआत होने जा रही है। इसके लिए कनेक्शन के जियो टैगिंग का काम तेजी से चल रहा है।
गोरखपुर महानगर में सभी 26 उपकेंद्रों की जियो टैगिंग हो चुकी है। ज्यादातर फीडरों का काम भी पूरा कराया जा रहा है। ट्रांसफार्मरों के साथ ही उपभोक्ताओं के कनेक्शन की जियो टैगिंग की जा रही है। इसका मकसद सभी उपभोक्ताओं का पूरा रिकार्ड पहले सिस्टम में दर्ज करना है। जब मीटर लगाए जाएंगे तब जियो टैगिंग के आधार पर पूरा ब्योरा दर्ज किया जाएगा।जीनस कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक विक्रांत मिश्र ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर अत्याधुनिक है और इसमें कई तरह के विशेष फीचर हैं। बैंक की ईएमआइ की तरह मीटर खुद ही रुपये जमा करता रहेगा।जीनस कंपनी के प्रबंधक राकेश सिंह ने कहा कि कर्मचारी परिसर में जाकर कनेक्शन की जियो टैगिंग तेजी से कर रहे हैं। इसमें उपभोक्ताओं का सहयोग मिल रहा है। इसका लाभ मीटर लगाते समय मिलेगा।
जिन परिसर में स्मार्ट मीटर लगे हैं उनको छोड़कर सभी उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाये जाएंगे। यानी शहर हो या गांव, आने वाले दिनों में हर परिसर में बिजली का उपभोग करने के लिए पहले मोबाइल फोन की तरह रुपये रिचार्ज कराने पड़ेंगे।रिचार्ज खत्म होते ही अपने-आप बिजली कट जाएगी। यह तभी शुरू होगी जब फिर से रुपये रिचार्ज होंगे। इतना ही नहीं, यदि उपभोक्ता के परिसर पर कनेक्शन की क्षमता से ज्यादा भार है तो बिजली आपूर्ति ठप हो जाएगी। आपूर्ति तभी शुरू होगी जब भार को कनेक्शन की क्षमता के बराबर किया जाए। यानी उपभोक्ताओं को हर हाल में कनेक्शन की क्षमता भी बढ़ानी होगी। इससे फिक्स चार्ज के रूप में बिजली निगम को अतिरिक्त आमदनी होगी।मान लीजिए स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाते समय उपभोक्ता के परिसर में बकाया 36 सौ रुपये है। इसे तीन सौ भागों में बांटा जाएगा यानी एक दिन का हिस्सा 12 रुपये आएगा। जब उपभोक्ता अपना मीटर रिचार्ज करेंगे तो प्रतिदिन 12 रुपये बकाया के कटते जाएंगे। इसके बाद बचे रुपये से बिजली की आपूर्ति होती रहेगी।