देवरिया में बिक्री के रिकॉर्ड के साथ जमीन की कीमतें रफ्तार में बढ़ीं!?
शहर और इसकी सीमा में करीब 10 किमी के दायरे में तेजी से हुए विकास के कारण जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं। परिवहन सुविधाएं बढ़ीं तो निजी क्षेत्र ने विकास का पहिया आगे बढ़ाया है। चार साल से सर्किट दर नहीं बढ़ी है। जबकि इसी दौरान तेजी से जमीन के दाम बढ़े हैं। वास्तविक कीमत के अनुसार सर्वे हो तो सर्किल दर में बढ़ोतरी होनी तय है।
जिन लोगों को जमीन की खरीद-फरोख्त करनी है, उन्हें जल्द ही रजिस्ट्री कराने की आवश्यकता है। प्रशासन ने जमीन का सर्वे कराने की तैयारी की है। ताकि एक अगस्त से सर्किल दर बढ़ाने की प्रक्रिया आसान हो जाए। जमीन की कीमत के अनुसार प्रस्ताव तैयार हुआ तो कई क्षेत्रों में सर्किल दर दोगुनी हो जाएगी। इसमें रजिस्ट्री विभाग का राजस्व लक्ष्य आसान होगा, जबकि खरीदने वालों की जेब पर बोझ पड़ेगा।भारतटाइम्स99 शनिवार को शहरी क्षेत्र में विकास की पड़ताल की तो बहुत कुछ बदलाव होता हुआ नजर आया। सलेमपुर रोड पर शहर से पांच किमी दूर सोनूघाट में तेजी से बसाहट हो रही है। क्योंकि सलेमपुर, भाटपाररानी, बरहज, भागलपुर के साथ बिहार के लोगों के लिए यह क्षेत्र पहली पसंद बन गया है।
इसी प्रकार गोरखपुर रोड पर बैतालपुर में तेजी से निर्माण और प्लाॅटिंग हो रही है। कसया रोड पर भीमपुर गौरा तक तेजी से निर्माण हो रहा है। जहां गांव थे, वहां शहर जैसा नजारा दिख रहा है। इन क्षेत्रों में 500 से 1500 रुपये वर्गफीट जमीन मिल रही है। सोंदा, दानोपुर, कतरारी, बड़हरा के आसपास जमीन की कीमत अधिक हो गई है, जबकि अलीनगर, कठिनइयां ताल के साथ परसिया और दानोंपुर के बीच ताल क्षेत्र में इमारतें आकार ले रही हैं।
एआईजी स्टांप पंकज कुमार सिंह ने बताया कि 336.02 करोड़ रुपये वार्षिक राजस्व का लक्ष्य है। इसमें 52 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हो गया है। 2020 में सर्किल दर में संशोधन हुआ था।डीडीए पर ही जमीन में निवेश करने वालों की नजर शहर के शिक्षक विजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ दिन में ही शहर और इसके पास का क्षेत्र डीडीए का हिस्सा बन जाएगा। प्रशासन ने मास्टर प्लान 2031 का प्रस्ताव शासन को भेजा है, जो क्षेत्र में मास्टर प्लान में आएगा, वहां की जमीन और महत्वपूर्ण हो जाएगी। दवा व्यवसायी हिमांशु सिंह ने बताया कि सलेमपुर के टीचर्स कॉलोनी में 4500 रुपये वर्ग फुट जमीन बिक रही है। सोनूघाट में अच्छी लोकेशन की जमीन 7000 रुपये वर्गफीट तक बिक रही है।देवरिया जिला बिहार के गोपालगंज और सीवान से लगा हुआ है। इन क्षेत्रों के लोगों की पसंद देवरिया बन रहा है। शहर के बुजुर्ग व्यापारी सरदार अवतार सिंह ने कहा कि कुछ साल पहले तक बिहार में अपराध ज्यादा होता था तो वहां के लोगों ने देवरिया में आशियाना बनाया। भीखमपुर रोड, रामगुलाम टोला, देवरही मंदिर व कसया रोड, सोनानगर एवं आसपास के लोग बिहार के लोगों ने जमीन ली है।जमीन की कीमतों का सर्वे कराया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार सर्किल रेट को संशोधित किया जाएगा। पहले दो साल में सर्किल दर संशोधित करने का नियम था, जबकि अब हर साल सर्किल दर का सर्वे होगा सरकारी के साथ निजी क्षेत्र का विकास भी हो रहा है। लोगों ने जमीन में निवेश शुरू किया तो मांग बढ़ गई। जहां ताल क्षेत्र था, वहां नया शहर बस रहा है। जमीन की कीमत तेजी से बढ़ी है।
-युगुल किशोरी तिवारी, अध्यक्ष तहसील बार एसोसिएशन
जमीन की मांग बढ़ी तो कीमत भी बढ़ती गई। बसावट का दायरा बढ़ने से शहर का आकार बढ़ रहा है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में देवरिया की जमीन सबसे अधिक महंगी हो गई है।
-विजय कुमार मिश्र, अधिवक्ता, तहसील सदर
देवरिया शहर के 10 किमी के दायरे में जमीन मिल जा रही है, जबकि लखनऊ सहित बड़े शहरों के अंदर जमीन मिलना आसान नहीं है। 30 किमी दूरी नई बसावट हो रही है, जबकि डीडीए और महायोजना 2031 को देखते हुए भी जमीन का महत्व बढ़ा है।
-पिंटू जायसवाल, ब्लॉक प्रमुख देवरिया