पोर्शे कांड में नया मोड़: वायरल वीडियो फर्जी, आरोपी की मां का दावा
महाराष्ट्र के पुणे शहर में लक्जरी कार ‘पोर्शे’ से दो युवा इंजीनियरों की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को कोर्ट ने 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस बीच पूरे मामले को लेकर पुणे पुलिस कमिश्नर ने बड़ा खुलासा किया है। उधर, 17-वर्षीय आरोपी का एक कथित वीडियो भी वायरल हुआ है।
वीडियो में एक लड़का रैप करता नजर आ रहा है। उसके बोल पुणे के पोर्शे कांड से संबंधित हैं। वीडियो में आरोपी रईसजादे के बचने की घटना का रैप के जरिए मजाक बनाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो नाबालिग आरोपी का है, जो शेखी बघारते हुए रैप में कह रहा है कि कार दुर्घटना के बाद वह कैसे बच गया। हालांकि इस पर किशोर की मां शिवानी अग्रवाल ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वीडियो उनके बेटे का नहीं है।
मुख्य आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि हादसे का मज़ाक उड़ाने से जुड़ा वायरल रैप वीडियो फर्जी है और उसमें दिख रहा लड़का उनका बेटा नहीं है। वीडियो में शिवानी पुलिस से अपने बेटे की रक्षा करने की अपील करते हुए रो पड़ी।
उधर, पुणे पुलिस ने भी स्पष्ट किया है कि वायरल वीडियो से किशोर का कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो फर्जी अकाउंट से शेयर किया गया है। बताया जा रहा है कि रैप वीडियो एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का है।
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया है कि पोर्शे कार हादसे का नाबालिग आरोपी पूरी तरह होश में था। हादसे के बाद ड्राइवर भी बदलने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा, यह सच है कि शुरुआत में ड्राइवर ने कहा था कि वह कार चला रहा था… हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि उसने किसके दबाव में यह बयान दिया।
कुमार ने कहा, मामले की बारीकी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच कर रहे हैं। हम एक पुख्ता मामला बना रहे हैं। उन्होंने पुलिस द्वारा नाबालिग को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोपों को खारिज कर दिया।